Wednesday, January 13, 2016

1. Paramkupalu...

परमकृपालु... दीनदयालु... जीवन माँ तू एक आधार छे।
परदुःखभंजन... अलखनिरंजन... भवसागर नो तारणहार छे।

ज़िन्दगी थोड़ी ने, झाझी छे उपाधि,
तारा स्मरण थी, मले छे समाधि... तारा स्मरण थी, मले छे समाधि...
तारु शरणु, उगारनार छे... जीवन माँ तू एक आधार छे।
परमकृपालु... दीनदयालु... जीवन माँ तू एक आधार छे।

हूँ प्रभु नानो ने, कर्मो छे भारी,
मने हूँफ आपे, करुणा तारी... मने हूँफ आपे, करुणा तारी...
तारी कृपा स्वामी, अपरंपार छे... भवसागर नो तारणहार छे।
परदुःखभंजन... अलखनिरंजन... भवसागर नो तारणहार छे

परमकृपालु... दीनदयालु... जीवन माँ तू एक आधार छे।
परदुःखभंजन... अलखनिरंजन... भवसागर नो तारणहार छे।