'वक़्त' मिला दोस्तों के साथ,
जब सारे जहां में कमी थी,
बातें होती रही बेशुमार,
कुछ ऐसी महफ़िल जमी थी...
ध्यान न था किसी का कहीं और,
घडी की सुई भी जैसे थमी थी,
आखिर बिछड़ने का समय हुआ,
आँखों में आ गयी नमी थी...
किन्तु यादों को लिए दिल में,
ऐसी एक तस्वीर बनी थी,
आज बिछडे तो कल फिर मिलेगे,
यह बात शत प्रतिशत ठनी थी।
जब सारे जहां में कमी थी,
बातें होती रही बेशुमार,
कुछ ऐसी महफ़िल जमी थी...
ध्यान न था किसी का कहीं और,
घडी की सुई भी जैसे थमी थी,
आखिर बिछड़ने का समय हुआ,
आँखों में आ गयी नमी थी...
किन्तु यादों को लिए दिल में,
ऐसी एक तस्वीर बनी थी,
आज बिछडे तो कल फिर मिलेगे,
यह बात शत प्रतिशत ठनी थी।