बुझा दे अहंकार की आग,
फिर भले जला दे मुझे..
मिटा दे एक दूजे के प्रति जलन,
फिर चाहे राख में बदल दे मुझे..
विनाश कर वासना की ज्वाला,
फिर शोख से लांछन लगा, अग्नि दे मुझे..
नफरत की अग्नि को भस्म कर,
फिर मेरी चिता सजाने से नही रोकूंगा तुझे..
गर नही है खुद में, जलने का जज़्बा,
मुझे आग लगाके क्या मिलता है सुकून तुझे!!
Dusshera Wishes!!
फिर भले जला दे मुझे..
मिटा दे एक दूजे के प्रति जलन,
फिर चाहे राख में बदल दे मुझे..
विनाश कर वासना की ज्वाला,
फिर शोख से लांछन लगा, अग्नि दे मुझे..
नफरत की अग्नि को भस्म कर,
फिर मेरी चिता सजाने से नही रोकूंगा तुझे..
गर नही है खुद में, जलने का जज़्बा,
मुझे आग लगाके क्या मिलता है सुकून तुझे!!
Dusshera Wishes!!
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