Wednesday, July 2, 2025

1. समस्या और उसका हल।

 एक एक क़दम बढ़ रहा है,

बनाने इस जीवन को सफल,

ग़म और ख़ुशी का आधार है,

समस्या और उसका हल।



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ज़्यादा से ज़्यादा सोचूँ तो,

बीस साल शेष रह सकते केवल,

कम से कम तो ऐसा है,

शायद न देखूँ अगला पल।



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आज सब छोड़ दिया तो,

कैसे जीऊँगा मैं कल?

दुनिया आगे निकल जाएगी,

मैं रह जाऊँगा निष्फल।



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लक्ष्य पर चलने के लिए,

त्याग करने का नहीं है बल,

प्राप्ति इतनी आसान कहाँ,

कई छोड़ देते हैं अन्न जल।



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लेकिन सब छोड़ने से क्या,

मिल जाता है मोक्ष का फल?

अनंत बार छोड़ा है फिर भी,

समस्या न गई टल।



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इसलिए घर रहूँ या दफ़्तर,

या फिर चल दूँ जंगल,

सब है एक समान अगर,

‘आत्मलक्ष’ करूँ ईमानदार और अटल।


Thank you ChatGPT for refining this.