Monday, September 19, 2016

2. Salaam Sipahi.

मैं चैन से सो सकूँ, 
इसीलिए कई लोग जागते है...

मैं आराम से चल सकूँ,
इसीलिए कितने लोग भागते है...

मेरी सलामती के लिए,
बहुत लोग दुआएँ मांगते है...

मैं ज़िंदा रह सकूँ,
इसीलिए कुछ लोग अपने प्राण त्यागते है।।

:-( :-( :-(

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