Sunday, June 14, 2020

3. दिल खोल...

दिल खोल, मुझसे बोल, यह जीवन है अनमोल...
कुछ रास्तें कभी लगते है बंद,
ऐसा लगे विकल्प रह गए है चंद,
नयी सुबह नए मोड़ पर लाएगी,
जो लग रही काली रात है वह,
           कुछ घंटो में गुज़र जायेगी...
वर्तमान क्षण में अपनी क्षमता को टटोल,
दिल खोल, मुझसे बोल, यह जीवन है अनमोल...
मंज़िल शायद लगे इतनी दूर,
कदम डगमगाए, दिल हो जाये मजबूर,
मौसम की खराबी कुछही क्षण टिक पाएगी,
और फिर बदलकर अपना रुख,
             हवा नयी दिशा दिखाएगी...
निराशा के आगे आशाओं को तोल,
दिल खोल, मुझसे बोल, यह जीवन है अनमोल...
शायद ऐसा लगे जीवन में कुछ नहीं बचा,
क्या कर सकते है, हम एक छोटी सी चर्चा?
उम्मीद है, ज़िन्दगी फिर से मुस्कुराएगी,
जब एक चाय की प्याली अपने संग,
             थोड़ा सा समय बिताएगी...
करते है साथ बैठकर सुख-दुःख का मोल,
दिल खोल, मुझसे बोल, यह जीवन है अनमोल !!!

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