हो दिल में हौसला,
और जेब में पैसा,
निकल पड़ो मुसाफिर,
अब डर कैसा ।।
देखा जाएगा जो होगा,
ऐसा नहीं तो वैसा,
निकल पड़ो मुसाफिर,
अब डर कैसा ।।
कल किसने है देखा,
जी लो आज है जैसा,
निकल पड़ो मुसाफिर,
अब डर कैसा ।।
जो आज है मौका,
न मीले कल शायद ऐसा,
निकल पड़ो मुसाफिर,
अब डर कैसा ।।
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