बना अपने जीवन का ऐसा चित्र,
की मृत्यु बन जाए तेरा मित्र,
ऐसी खुशबु फैला दे जहां में,
लोग गाये सुनाये तेरा चरित्र
तू बन प्यासे का पानी,
और भूखे का गारित्र*,
देता जा, कभी ख़तम ना होगा,
तू है प्यार का गिरित्र*
भटकी हुई है दुनिया,
तू बन उसका अरित्र*,
श्रृंखला शुरू होगी तब,
धीरे धीरे सब बनेगे पवित्र
*अरित्र - The one who shows the path
*गिरित्र - Sea
*गारित्र - Grain
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