Monday, August 20, 2018

1. मेरे प्यारे जिनवर.

ऐसे दिल में मेरे रूबरू हो गये,
धड़कने बेताहाशा धड़कने लगी,
भावना ऐसी लगी, इस दिल में जगी,
भक्ति करने लगा, तो मज़ा आ गया...

मेरे प्यारे जिनवर, तेरी पहेली नज़र,
मुझ पर आ गयी तो, मज़ा आ गया...
दीवाना हो गया, मैं फिदा हो गया,
जीवन ऐसा संवारा, मज़ा आ गया!!

पाप ही पाप थे, आत्मा में भरे...
पाप ही पाप थे, आत्मा में भरे,
दोष ही दोष से, आतम मेरा डरे...
दोष ही दोष से, आतम मेरा डरे,
आप की छांव में, प्रेम भरे पाँव में,
कृपा दृष्टि बरसाई, मज़ा आ गया!!

मान और लोभ थे, मेरे सर पर चढ़े...
मान और लोभ थे, मेरे सर पर चढ़े,
क्रोध और माया भी, मुझ पर थे खड़े...
क्रोध और माया भी, मुझ पर थे खड़े,
प्रभु कृपा करो, दिल में अपने धरो,
मिल गयी जो दया तो, मज़ा आ गया!!

रांझा हो गया, मैं फना हो गया...
भक्ति करता गया, और मज़ा आ गया!!

ThanQ Suchit for suggestions and changes in words. 

1 comment:

Shaili said...

Jirawala tirth effect? good one.