Friday, January 31, 2020

2. साल २०२०.

Jointly created by Suchit and Dilip.

जो गगन उड़ चली है पतंग जनवरी में,
कंदीलों से सजाना जब आए शिवरात्रि फरवरी में,

मार्च में धुलेटी का पक्का रंग चढ़ेगा इस बारी,
अप्रैल के पाड़वा में शुरू होगी नई पारी,

मई की गर्मी में दस्तक देगी रमज़ान,
जून आते देखेंगे जगन्नाथ यात्रा की शान,

भीगो देगी गुरु पूर्णिमा में जुलाई की बरखा,
अगस्त में पर्युषण न अन्य पर्व इसके सरखा,

सितम्बर करेगी गणेशजी को विदा,
नवरात्रि के नौ दिन अक्तूबर में फिदा,

नवम्बर में दीवाली का जश्न जलेंगे दीप,
दिसंबर की सर्दी में होंगे येशु के समीप,

बीत जाएगा साल ऐसा आनंद हर मास,
पर्वो की पवित्रता लेे जायेगी प्रभु के पास।

Tuesday, January 21, 2020

1. ख्वाइश और रंजिश.

ना जितने की ख्वाइश,
ना हारने की रंजिश,
बहती नदी सा जीवन,
धुप सर्दी या फिर बारिश.

ना किसी से कोई गुज़ारिश,
ना कही करनी कुछ आज़माइश,
गिला शिकवे अब क्यों करने है,
जब वह कर रहा है परवरिश.

शरीर ने छू लिए चालीस,
फिर भी चल रही है मालिश,
बढ़ने के कोई आसार नहीं,
अब भी हो रही हरकतें बालिश.