Jointly created by Suchit and Dilip.
जो गगन उड़ चली है पतंग जनवरी में,
कंदीलों से सजाना जब आए शिवरात्रि फरवरी में,
मार्च में धुलेटी का पक्का रंग चढ़ेगा इस बारी,
अप्रैल के पाड़वा में शुरू होगी नई पारी,
मई की गर्मी में दस्तक देगी रमज़ान,
जून आते देखेंगे जगन्नाथ यात्रा की शान,
भीगो देगी गुरु पूर्णिमा में जुलाई की बरखा,
अगस्त में पर्युषण न अन्य पर्व इसके सरखा,
सितम्बर करेगी गणेशजी को विदा,
नवरात्रि के नौ दिन अक्तूबर में फिदा,
नवम्बर में दीवाली का जश्न जलेंगे दीप,
दिसंबर की सर्दी में होंगे येशु के समीप,
बीत जाएगा साल ऐसा आनंद हर मास,
पर्वो की पवित्रता लेे जायेगी प्रभु के पास।
जो गगन उड़ चली है पतंग जनवरी में,
कंदीलों से सजाना जब आए शिवरात्रि फरवरी में,
मार्च में धुलेटी का पक्का रंग चढ़ेगा इस बारी,
अप्रैल के पाड़वा में शुरू होगी नई पारी,
मई की गर्मी में दस्तक देगी रमज़ान,
जून आते देखेंगे जगन्नाथ यात्रा की शान,
भीगो देगी गुरु पूर्णिमा में जुलाई की बरखा,
अगस्त में पर्युषण न अन्य पर्व इसके सरखा,
सितम्बर करेगी गणेशजी को विदा,
नवरात्रि के नौ दिन अक्तूबर में फिदा,
नवम्बर में दीवाली का जश्न जलेंगे दीप,
दिसंबर की सर्दी में होंगे येशु के समीप,
बीत जाएगा साल ऐसा आनंद हर मास,
पर्वो की पवित्रता लेे जायेगी प्रभु के पास।
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