हर साल, नया साल,
इसमे क्या है कमाल?
करना चाहूँ तो कर सकता हूँ,
कुछ ऐसा बेमिसाल...
चिंता नहीं इस बात की,
क्या नहीं मिलेंगे चावल और दाल?
विचार इस बात का है,
क्या बदलने है मुझे अपने हाल?
वक़्त तो ठहरेगा नही,
चलता रहेगा अपनी चाल...
मुड़कर देखु तो गुज़र गया है,
जो था पिछले साल, नया साल...
खैर, कहाँ इन सब बातों में,
उलझा रहा हूँ आपको फिलहाल...
शुरू किया जो सोचकर कर रहा हूं अब,
आप सभी को मुबारक, फिरसे एक और नया साल...
इसमे क्या है कमाल?
करना चाहूँ तो कर सकता हूँ,
कुछ ऐसा बेमिसाल...
चिंता नहीं इस बात की,
क्या नहीं मिलेंगे चावल और दाल?
विचार इस बात का है,
क्या बदलने है मुझे अपने हाल?
वक़्त तो ठहरेगा नही,
चलता रहेगा अपनी चाल...
मुड़कर देखु तो गुज़र गया है,
जो था पिछले साल, नया साल...
खैर, कहाँ इन सब बातों में,
उलझा रहा हूँ आपको फिलहाल...
शुरू किया जो सोचकर कर रहा हूं अब,
आप सभी को मुबारक, फिरसे एक और नया साल...
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