Friday, August 5, 2016

1. मदारी.

चला मदारी खेल दिखाने,
हो गया खिलवाड़ उसीके के साथ।

देश की व्यवस्था हो गयी है लूली,
नेताओं को करना नहीं है कुछ ख़ास,
जब तक कुर्सी है, कमाओ जी भरके,
यही है उनका श्रम और प्रयास...

करना था मदारी को इनका पर्दाफाश,
किन्तु हो गया खिलवाड़ उसीके साथ।

सड़के कच्ची बनी, गड्ढे बढ़ते गए,
पर पैसा पूरा लिया जनता के पास,
बड़ी बड़ी योजनाओ के नाम पे,
सपनो में दिखाया देश का विकास...

मदारी से यह सब हुआ ना बर्दाश्त,
पर हो गया खिलवाड़ उसीके साथ।

विरोध पक्ष ने मित्रों, कुछ नहीं उखाड़ा,
अब हम पर आप रखो विश्वास,
इन्ही दलीलों पर मांगे वोट,
आम आदमी को दिलायी फिर एक आस...

ठान ली मदारी ने, नहीं सहूंगा यह बकवास,
लेकिन हो गया खिलवाड़ उसीके साथ।

पांच साल तो कचरे की सफाई में लगेंगे,
ऐसे वाक्यों में देश को उलझाकर, खुद ली चैन की सांस,
तुम भरते रहो कर (टैक्स) सफाई धुलाई का,
हम उससे बनायेगे अपना आवास...

मदारी को निकालनी थी अपनी और देश की भड़ास,
अफ़सोस, हो रहा है अब तक खिलवाड़ पूरे देश के साथ।।।

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