Monday, April 6, 2020

3. सब कुछ.

दोस्त, परिवार,
स्वस्थ्य, आधार,बिस्तर, बिछाना,
बर्तन, खाना,वस्त्र, निवास,
हवा, प्रकाश,बिजली, जल,
मिटटी, हरियावल,पवित्रता, प्यार,
निति, सदाचार,सेवा, कीर्तन,
संतोष, अमन ||शब्द और अर्थ से परे,
यह जीवन का खज़ाना है!
अब भी वक़्त है,
क्या इसे आज़माना है?या फिर वही रफ़्तार से,
रोज़ भागना, भगाना है?
सफलता और अहंकार के चक्कर में,
क्या अनमोल जीवन गवाना है?चतुरों ने इस बेवक़ूफ़ को सुना,
बड़ा अच्छा ज़माना है,
इससे पहले की जूते पड़े,
अलविदा कह रहा ये दीवाना है !!

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