हर
चीज़ में इच्छा है,
हर काम में वासना
है,
अनंत काल से केवल,
संसार की करी कामना
है
पूर्व
की कमाई को भोग
रहा,
भविष्य के लिए क्या
बांधना है?
अति दुर्लभ इस मनुष्य जन्म
में,
क्या सिर्फ इस भव का
सोचना है?
कर्म
उदय अनुसार आएंगे,
उनका करना सामना है,
उनसे मुक्त होने का तथ्य,
इसी जीवन में जानना
है
यह
जन्म को हारने से
फिर,
शायद असंख्य काल घूमना है,
जागृति रख, राग-द्वेष-मोह त्याग,
मुक्ति के लिए, यह
साधना है !!!
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