Wednesday, October 21, 2015

2. Saadhan.

साधन का उपयोग साध्य के लिए होना ज़रूरी है।

वह साधन जिसका उपयोग साध्य के लिए नहीं होता उसकी क्षमता को चूक जाता है।

क्रिकेट का बल्ला अगर कपडे धोने के लिए इस्तेमाल किया जाए तो उससे कपडे तो धूल जायेगे परंतु यह सवाल रहेगा की क्या वह बल्ले की क्षमता का सही इस्तेमाल हुआ है?

ठीक उसी तरह अगर सत्संग भक्ति व्रत नियम इत्यादि साधनो का लक्ष्य परमार्थ न होकर केवल दिखावा या महज एक यांत्रिक क्रिया बन जाए तो वह साधन की क्षमता गौण हो जाती है।

इसमें खामी साधन में नहीं बल्कि उसका उपयोग करने वाले में है।

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