Saturday, October 31, 2015

8. Niyam.

एक इंसान रेस्टॉरेंट में गया और उसने कुछ खाना मंगवाया। उसका नियम था कुछ चीज़ों को न खाने का इसीलिए उसने अपने नियम के मुताबिक़ खाना लाने को कहा।

जब खाना आया और उसने 2-3 निवाले खाये तो उसे यह महसूस हुआ की उस खाने में ऐसी चीज़ें है की जिससे उसके नियम का उल्लंघन हो रहा है।

उसने यह सोचा की शायद खाना बनानेवाले से या आर्डर देने वाले से गलती हो गयी है। बड़ी नम्रता से उसने वेटर को बुलाया और जो हुआ वह बताया।

वेटर डर गया और सोचने लगा की अब क्या होगा। वह इंसान ने प्यार से कहा की कोई बात नहीं, बदल कर लेकर आओ।

ये वाकिया मेनेजर देख रहा था और उससे रहा नहीं गया। जब वह आदमी वहाँ से उठा तो उसने कहा की ताज्जुब हुआ ये देखकर की दूसरे की गलती से आप का नियम टूटने के बावजूद आप कितने शांत थे। इसकी वजह क्या है?

बड़ी सरलता से उसने कहा की - एक नियम तो टुटा, अब दूसरा क्यों तोड़ू?

मेनेजर बोला - मैं कुछ समझा नहीं।

वो इंसान बोला - हर इंसान का सदा के लिए कुदरत का दिया एक नियम है की उसे हर व्यक्ति के साथ प्रेम आदर और अपनेपन के साथ व्यवहार करना चाहिए। यह नियम तोडना मैं उचित नहीं समझता। और फिर जो गलती मेरे नियम में हो गयी - चाहे मुझसे या किसी और से - उसकी माफ़ी की गुंजाइश है, परंतु इस तरह कठोर बनकर वर्तन करने वाली गलती की माफ़ी आसानी से नहीं मिल सकती।

सब के चेहरे पर मुस्कान आई और दिल को सुकून मिला।

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